मेलाघाट खातिमा। जोर-जोर से बजते ढोल-नगाड़े, नाचते-गाते लोग और बड़े पैमाने पर जलसा-समारोह। ऐसे मनाया जाता है एक विवाह समारोह, जिसमें दूल्हा-दुल्हन कोई पुरुष और महिला नहीं, बल्कि है बरगद और पीपल के पेड़। लेकिन आखिर क्यों उनका विवाह कराया जाता है?
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