यदि पीर की सवारी आने के बाद कीलों का असर नहीं होता तो कपड़े क्यों बदले गए। कपड़े बदलकर बाबा नए ड्रामे के लिए तैयार हो गए... उन्होंने लोबान जलाया... कुछ बुदबुदाया और अजीब तरीके से हिलने लगे... बाबा के चेलों ने उनकी जय-जयकार करनी शुरू कर दी.....
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