राक्षस को पूजने वाला गाँव
क्या यह संभव है कि राक्षस को ही कुल देवता मानकर उसकी पूजा-अर्चना की जाए? आस्था और अंधविश्वास की इस कड़ी में हम आपको लेकर चलते हैं एक ऐसे गाँव, जहाँ के लोग एक राक्षस को अपने कुलदेवता के रूप में पूजते हैं।
View Articleनई माता का मंदिर
आस्था और अंधविश्वास की इस कड़ी में हम आपको लेकर चलते हैं मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में स्थित बिरोदाबाद गाँव में, जहाँ नई माता का मंदिर है। वैसे तो यह मंदिर बहुत ही छोटा है परंतु यहाँ पर दूर-दूर से...
View Articleएक मंदिर, जहाँ चढ़ती है शराब और सिगरेट
शराब और सिगरेट के साथ पशुओं को भी जीवा मामा को भेंट किया जाता है। यह बात जितनी आश्चर्यजनक लगती है उससे भी ज्यादा दिलचस्प इसका इतिहास है। मंदिर के इतिहास के बारे में यहाँ रहने वाले भरतभाई सोलंकी ने हमें...
View Articleरामायण पाठ से हुआ कायापलट!
आस्था और अंधविश्वास की इस बार की कड़ी में हम आपको ले चलते हैं एक ऐसे गाँव जहाँ का हर ग्रामीण रामधुन में डूब गया है। तिवड़िया ग्राम के ग्रामीणों का मानना है कि यह राम नाम और कथा का ही चमत्कार है
View Articleनहीं बैठते एक नाव में मामा-भानजे!
क्या ऐसा हो सकता है कि मामा-भानजे एक नाव में बैठें और वह नदी में पलट जाए? मगर मालवा के एक नगर में सदियों से ऐसी मान्यता है कि यदि मामा-भानजे एक साथ नाव में बैठकर नदी पार करेंगे तो नौका डूब जाएगी।
View Articleसाँई बाबा की सवारी!
आपने साँई बाबा के अनेकों चमत्कार देखें या सुने होंगे लेकिन क्या कभी ऐसा सुना कि साँई बाबा किसी के शरीर में आकर लोगों के दुख दूर करते हों। नहीं न।
View Articleभव्य मंदिर जो खड़ा है बिना नींव!
यह विशाल मंदिर तंजावुर के ‘बड़े मंदिर’ के नाम से प्रसिद्ध है। 216 फीट ऊँचा यह मंदिर कावेरी नदी के तट पर शान से खड़ा हुआ है। इस मंदिर की खासियत यह है कि यह बिना नींव डाले ही बनाया गया है।
View Articleएक मंदिर जहाँ भरती हैं सूनी गोदें
यहाँ मन्नत माँगने का तरीका बेहद अनूठा है। सबसे पहले भक्त माँ को तीन नारियल चढ़ाकर गोद भरने की याचना करता है। मंदिर के पुजारी भक्त को गले में बंधन बाँधने के लिए मौली का धागा देते हैं। भक्त को पाँच...
View Articleमिलिए इंडियन रॉबिनहुड से
इंडियन राबिनहुड के नाम से विख्यात टंट्या भील ने अँग्रेजों के शासनकाल में गोरे सैनिकों की नाक में दम कर दिया था। कहते हैं राबिन हुड की ही तरह टंट्या मामा अँग्रेंजो को लूटते और लूट का माल गरीब आदिवासियों...
View Articleआदिवासी अंचल का गल उत्सव
इस रस्म को निभाने से कुछ दिन पहले से ही पड़ियार की पीठ पर हल्दी लगाई जाती है लेकिन अकसर पड़ियार की पीठ में गहरे घाव हो जाते हैं, उन घावों से खून भी रिसता है। डॉक्टरों का कहना है कि इस तरीके से व्यक्ति...
View Articleधधकते अंगारों से गुजरे नंगे पैर
परंपरा के तहत तीन से चार फुट लंबे और एक फुट गहरे गड्ढे में धधकते हुए अंगारे रखे जाते हैं। मन्नतधारियों के निकलने से पहले यहाँ घी डालकर अग्नि को अधिक ज्वलनशील बनाया जाता है। इसके बाद शुरू होता है...
View Articleचाचवा से इलाज का दावा
सबसे पहले मरीज के शरीर के व्याधिग्रस्त हिस्से पर भभूत (राख) से चिन्ह बनाए जाते हैं। फिर इन चिन्हों को गर्म सलाखों से जलाया जाता है। बाबा का दावा है कि ऐसा करने से मरीज की व्याधियाँ दूर हो जाती हैं...
View Articleआस्था का अंधा ज्वार
यहाँ हम बात कर रहे हैं आंत्री माता मंदिर की। नीमच से लगभग साठ किलोमीटर दूर इस मंदिर में मान्यता है कि जो व्यक्ति माँ के दर पर जीभ चढ़ाता है उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। यहाँ के पुजारी का कहना है कि...
View Articleआधुनिक युग का अग्नियुद्ध
युद्ध की तैयारियों के लिए गाँववासी एक-डेढ़ माह पहले से ही कँटीली झाड़ियों में लगने वाले हिंगोट नामक फलों को जमा करते हैं। फिर इन फलों के बीच में बारूद भरा जाता है। इस बारूद भरे देसी बम को एक पतली सी...
View Articleढोंगी बाबा बैठता है शूल की सेज पर
यदि पीर की सवारी आने के बाद कीलों का असर नहीं होता तो कपड़े क्यों बदले गए। कपड़े बदलकर बाबा नए ड्रामे के लिए तैयार हो गए... उन्होंने लोबान जलाया... कुछ बुदबुदाया और अजीब तरीके से हिलने लगे... बाबा के...
View Articleमुलाकात कीजिए ऐसे शहर से
राजाओं को डर था कि यदि उन्होंने एक रात यहाँ बिताई तो उनसे उनका राज-पाठ छिन जाएगा। जी हाँ, उज्जैन शहर से एक पुरानी किवंदती जुड़ी हुई है कि उज्जैन का एक ही राजा है और वो है महाकाल।
View Articleजानिए ऐसी जेल के बारे में
भोले बाबा की जेल मध्यप्रदेश-राजस्थान की सीमा पर मध्यप्रदेश के नीमच शहर के पास स्थित है। जब हम यहाँ पहुँचे तो हमने देखा कि सलाखों के पीछे कैदी बँधे हुए हैं। वे सभी बैरकों के भीतर ही भजन-कीर्तन गाते हुए...
View Articleगणगौर पूजा का अनूठा रिवाज
इस रस्म में आस्था और विश्वास के साथ-साथ कुछ हँसी-ठिठौली भी है। जी हाँ! देवास जिले के पुंजापुरा गाँव में गणगौर उत्सव के समय एक अनूठी रस्म निभाई जाती है। गाँव में नौ दिनी गणगौर उत्सव मनाया जाता है औऱ फिर...
View Articleएक सपने ने बदली हकीकत
क्या कोई सपना लोगों का जीवन बदल सकता है? यदि नहीं तो हम आस्था या अंधविश्वास की इस बार की कड़ी में ले चलते हैं ग्राम मनासा, जहाँ अपंग लड़की के सपने में आए बाबा रामदेव और तब से ही उसका जीवन बदल गया।
View Articleक्या कहता है चेहरा?
हम दिनभर में सैकड़ों लोगों से मिलते हैं...हजारों अनजान चेहरे भी हमारी आँखों के सामने से गुजरते हैं। इनमें से कुछ सुंदर होते हैं, तो कुछ थोड़े भद्दे। कुछ का आकार गोल होता है तो कुछ त्रिकोण के समान होते...
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